tag:blogger.com,1999:blog-7292513918260012791.post1567307892962505750..comments2023-11-05T03:09:01.854-08:00Comments on रविकर की कुण्डलियाँ: भ्रूणध्नी माता-पिता, देते मुझको फेंक -रविकर http://www.blogger.com/profile/00288028073010827898noreply@blogger.comBlogger5125tag:blogger.com,1999:blog-7292513918260012791.post-74572500220631739152012-08-23T20:55:46.404-07:002012-08-23T20:55:46.404-07:00इतनी सारी देवियों को मानते हुये भी कन्या की यह दु...इतनी सारी देवियों को मानते हुये भी कन्या की यह दुर्दशा .... अफसोसजनक संगीता स्वरुप ( गीत )https://www.blogger.com/profile/18232011429396479154noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7292513918260012791.post-10207278851924830662012-08-22T02:40:46.619-07:002012-08-22T02:40:46.619-07:00कोई तो रक्षा करो, माताओं से एक |
भ्रूणध्नी माता-प...कोई तो रक्षा करो, माताओं से एक |<br />भ्रूणध्नी माता-पिता, देते मुझको फेंक ..<br /><br />दर्द को दोहों में उतारा है ... ये कलंक कब मिटेगा ...दिगम्बर नासवाhttps://www.blogger.com/profile/11793607017463281505noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7292513918260012791.post-3206918279182502012012-08-21T23:04:28.266-07:002012-08-21T23:04:28.266-07:00समाज के ऊपर कलंक ही तो है | हमें आगे आना होगा |समाज के ऊपर कलंक ही तो है | हमें आगे आना होगा |G.N.SHAWhttps://www.blogger.com/profile/03835040561016332975noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7292513918260012791.post-92170556792131940012012-08-21T21:30:26.602-07:002012-08-21T21:30:26.602-07:00सामाजिक वैषम्य- रोज़ रचती है, ये कुरीत ,
.कृपय...सामाजिक वैषम्य- रोज़ रचती है, ये कुरीत ,<br /> .कृपया यहाँ भी पधारें -<br />ram ram bhai<br />बुधवार, 22 अगस्त 2012<br />रीढ़ वाला आदमी कहलाइए बिना रीढ़ का नेशनल रोबोट नहीं .<br />What Puts The Ache In Headache?virendra sharmahttps://www.blogger.com/profile/02192395730821008281noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7292513918260012791.post-26269355391689116752012-08-21T21:30:18.135-07:002012-08-21T21:30:18.135-07:00
सातों माता भी नहीं, बचा सकी गर पाँच |
रविकर...<br />सातों माता भी नहीं, बचा सकी गर पाँच |<br />रविकर महिमा पर पड़े, दैया दुर्धर्ष आँच |<br />एक सामाजिक शूल बन चुकी समस्या पर त्रिशूल चलाया है आपने अब तो शिव को ही अपना तीसरा नेत्र खोल चंडी बनना होगा ,मूढ़धन्य भ्रूण -लख -पतियों को ठिकाने लगाना होगा .कृपया यहाँ भी पधारें -<br />ram ram bhai<br />बुधवार, 22 अगस्त 2012<br />रीढ़ वाला आदमी कहलाइए बिना रीढ़ का नेशनल रोबोट नहीं .<br />What Puts The Ache In Headache?virendra sharmahttps://www.blogger.com/profile/02192395730821008281noreply@blogger.com