tag:blogger.com,1999:blog-7292513918260012791.post3872472819767958531..comments2023-11-05T03:09:01.854-08:00Comments on रविकर की कुण्डलियाँ: करलो प्यारे पान, पिए रविकर विष खारारविकर http://www.blogger.com/profile/00288028073010827898noreply@blogger.comBlogger8125tag:blogger.com,1999:blog-7292513918260012791.post-3313318884159242792012-11-12T20:24:18.811-08:002012-11-12T20:24:18.811-08:00RAVIKAR JI, BAHUT SUNDAR KUNDALIYA...."KAR LE...RAVIKAR JI, BAHUT SUNDAR KUNDALIYA...."KAR LE HM VISHPAN AJ,BAN JAYE BHOLE SHIV SHANKAR,,,,DUNIYA KI PIDA KO HAR LE,SHIV KO FIR DHARTI PAR LA DE...<br /> <br /><br /> DEEPAWALI KI HARDIK SHUBHKAMNAYEAnonymoushttps://www.blogger.com/profile/14500351687854454625noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7292513918260012791.post-52003323124725047342012-11-09T13:30:22.494-08:002012-11-09T13:30:22.494-08:00बहुत अच्छा है रविकर जी ,तभी तो विष की कड़ुआहट आपके...बहुत अच्छा है रविकर जी ,तभी तो विष की कड़ुआहट आपके लिये सिर्फ़ खारेपन तक सीमित रही. प्रतिभा सक्सेनाhttps://www.blogger.com/profile/12407536342735912225noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7292513918260012791.post-82667718521095989242012-11-09T08:52:36.212-08:002012-11-09T08:52:36.212-08:00परहित सरस धर्म नहीं भाय ,बार बार कहे रविकर कवि र...परहित सरस धर्म नहीं भाय ,बार बार कहे रविकर कवि राय <br /><br />करलो प्यारे पान, पिए रविकर विष खारा<br /> <br /> सकारात्मक पक्ष से, कभी नहीं हो पीर |<br />नकारात्मक छोड़िये, रखिये मन में धीर |<br /><br />रखिये मन में धीर, जलधि-मन मंथन करके |<br />देह नहीं जल जाय, मिले घट अमृत भरके |<br /><br />करलो प्यारे पान, पिए रविकर विष खारा |<br />हो जग का कल्याण, सही सिद्धांत सकारा ||<br /><br />virendra sharmahttps://www.blogger.com/profile/02192395730821008281noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7292513918260012791.post-16319693301314383882012-11-09T06:45:30.558-08:002012-11-09T06:45:30.558-08:00बहुत सुंदर और सटीक- मिले जमानत ठीक, नहीं तो अन्दर ...बहुत सुंदर और सटीक- मिले जमानत ठीक, नहीं तो अन्दर हिल मिल ।<br /> खा विरयानी मटन, मौज में पूरा कातिल ।।Anonymoushttps://www.blogger.com/profile/14500351687854454625noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7292513918260012791.post-83094057270021688482012-11-09T01:53:29.413-08:002012-11-09T01:53:29.413-08:00छोटी सी है जिन्दगी, करते क्यों अभिमान।
सुख-दुख दोन...छोटी सी है जिन्दगी, करते क्यों अभिमान।<br />सुख-दुख दोनों में रहो, प्रतिपल एक समान।।<br />--<br />अमृत भी है सिन्धु में, क्यों करते विषपान।<br />मानव हो मानव रहों, बनो न देव महान।।डॉ. रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक'https://www.blogger.com/profile/09313147050002054907noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7292513918260012791.post-56847622754824705012012-11-08T23:31:19.201-08:002012-11-08T23:31:19.201-08:00'जलधि-मन मंथन करके....'
--- मंथन का अर्थ ह...'जलधि-मन मंथन करके....'<br />--- मंथन का अर्थ है सकारात्मक--नकारात्मक--गुणात्मक सभी पहलुओं पर गौर करना....<br /><br />कभी नहीं हो पीर, वो कैसे पीर को जाने,<br />जाने बिन, बेपीर , पीर कैसे सनमाने |<br />हर पहलू तू जान, नकारा या साकारा ,<br />पीर जगत की जान,जग का प्यारा हो तभी || <br /><br /> shyam guptahttps://www.blogger.com/profile/11911265893162938566noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7292513918260012791.post-22573897550001585362012-11-08T07:20:51.270-08:002012-11-08T07:20:51.270-08:00जय हो....:-) जय हो....:-) संतोष त्रिवेदीhttps://www.blogger.com/profile/00663828204965018683noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7292513918260012791.post-46511362072946443992012-11-08T06:42:08.890-08:002012-11-08T06:42:08.890-08:00बहुत सुंदर और सटीक कुण्डलियाँ...बहुत सुंदर और सटीक कुण्डलियाँ...Kailash Sharmahttps://www.blogger.com/profile/12461785093868952476noreply@blogger.com