tag:blogger.com,1999:blog-7292513918260012791.post6508428565006944470..comments2023-11-05T03:09:01.854-08:00Comments on रविकर की कुण्डलियाँ: पति-पत्नी तो व्यस्त, बाल मन बनता लावा-रविकर http://www.blogger.com/profile/00288028073010827898noreply@blogger.comBlogger5125tag:blogger.com,1999:blog-7292513918260012791.post-4119723753761071042012-10-29T05:53:42.345-07:002012-10-29T05:53:42.345-07:00वाह बहुत उम्दा....वाह बहुत उम्दा....मुकेश कुमार सिन्हाhttps://www.blogger.com/profile/14131032296544030044noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7292513918260012791.post-82039524324264281402012-10-28T07:15:27.234-07:002012-10-28T07:15:27.234-07:00सुन्दर प्रस्तुति
बहुत बहुत बधाई
नैतिक शिक्षा से ...सुन्दर प्रस्तुति <br />बहुत बहुत बधाई <br />नैतिक शिक्षा से बड़ा, मात पिता व्यव्हार।<br />निश्चित जिस पर है टिका, बालक का आचार।।<br />बालक का आचार, बिगाड़त वही बनावत।<br />भल अनभल संस्कार, सदा मन बाल जगावत।।<br />नीति परख जो धरत पग, समझ बूझ निज कक्षा।<br />मात पिता व्यव्हार बडो, बड़ी न नैतिक शिक्षा।। <br />दुर्घटना के गर्भ में, गफलत के हैं बीज।<br />समझत याको सब मगर, देते ना तरजीह।। <br />देते ना तरजीह, समस्या उनको जकडे।<br />निज पर तब खिसियात, फिरे नारी पर अकड़े।। <br />अवसर अपना साध, दुष्ट का दुःख दे हटना। <br />इनसे रहें सचेत, टलेगी तब दुर्घटना।।<br />सत्यनारायण सिंह <br /> <br />Satyanarayan singhhttps://www.blogger.com/profile/00790105613649162597noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7292513918260012791.post-62652807382205233982012-10-27T18:17:19.438-07:002012-10-27T18:17:19.438-07:00
Friday, 26 October 2012
पति-पत्नी तो व्यस्त, बाल...<br />Friday, 26 October 2012<br /><br />पति-पत्नी तो व्यस्त, बाल मन बनता लावा-<br /><br />नैतिक शिक्षा पुस्तकें, सदाचार आधार |<br /> महत्त्वपूर्ण इनसे अधिक, मात-पिता व्यवहार |<br />मात-पिता व्यवहार, पुत्र को मिले बढ़ावा |<br />पति-पत्नी तो व्यस्त, बाल मन बनता लावा | <br />खेल वीडिओ गेम, जीत की हरदम इच्छा |<br />मारो काटो घेर, करे क्या नैतिक शिक्षा ||<br /><br />दुर्घटना के गर्भ में, गफलत के ही बीज |<br />कठिनाई में व्यर्थ ही, रहे स्वयं पर खीज |<br />रहे स्वयं पर खीज, कठिन नारी का जीवन |<br />मौका लेते ताड़, दोस्ती करते दुर्जन |<br />कर रविकर नुक्सान, क्लेश देकर के हटना |<br />इनसे रहो सचेत, टाल कर रख दुर्घटना ||<br />नीति परक रविकर वचन ,गुनी जन लेते जान ,<br /><br />पूर्ती आप कर लीजिए रविकर चतुर सुजान .<br />virendra sharmahttps://www.blogger.com/profile/02192395730821008281noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7292513918260012791.post-53386356596183147732012-10-27T10:40:30.882-07:002012-10-27T10:40:30.882-07:00एक से एक कुंडलियाँ | बहुत उम्दा प्रस्तुति |एक से एक कुंडलियाँ | बहुत उम्दा प्रस्तुति |Anonymoushttps://www.blogger.com/profile/12634209491911135236noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7292513918260012791.post-70305639369701874782012-10-27T07:10:30.469-07:002012-10-27T07:10:30.469-07:00सुन्दर प्रस्तुति!
ईद-उल-जुहा के अवसर पर हार्दिक शु...सुन्दर प्रस्तुति!<br />ईद-उल-जुहा के अवसर पर हार्दिक शुभकामनाएँ|डॉ. रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक'https://www.blogger.com/profile/09313147050002054907noreply@blogger.com