tag:blogger.com,1999:blog-7292513918260012791.post6874316105180999440..comments2023-11-05T03:09:01.854-08:00Comments on रविकर की कुण्डलियाँ: नारी अब अबला नहीं, कहने लगा समाज -रविकर http://www.blogger.com/profile/00288028073010827898noreply@blogger.comBlogger2125tag:blogger.com,1999:blog-7292513918260012791.post-61977734344505130002013-09-24T22:43:32.455-07:002013-09-24T22:43:32.455-07:00मनमानी लोगों को भाति है लेकिन उसके अंजाम कई बार भय...मनमानी लोगों को भाति है लेकिन उसके अंजाम कई बार भयानक भी होते हैं. पुलिस अंजाम भुगतने के बाद आती है. कोर्ट उसे और ज्यादा भुगतवाता है.<br />बलात्कारी पुलिस और अदालत किसी की नहीं सुनते. अपनी जान की हिफाज़त खुद कर सको तो कर लो.<br /> महिलाओं को आजादी के नाम पे गुमराह कर के उनका शोषण करने का ही एक तरीका है |यदि यह माहिलाओं द्वारा मांगी आजादी होती तो वोह दहेज़ से छुटकारा मांगती, पिता की जायदाद में से उतना हक मांगती जितना भाई को मिलता है | शादी के बाद पिता का घर ना छोड़ने की शर्त रखती इत्यादि |HAKEEM YUNUS KHANhttps://www.blogger.com/profile/11947101320031096515noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7292513918260012791.post-15082794594112811212013-09-24T06:45:40.507-07:002013-09-24T06:45:40.507-07:00वाह बहुत खूब !वाह बहुत खूब !सुशील कुमार जोशीhttps://www.blogger.com/profile/09743123028689531714noreply@blogger.com