tag:blogger.com,1999:blog-7292513918260012791.post3911369296116547443..comments2023-11-05T03:09:01.854-08:00Comments on रविकर की कुण्डलियाँ: निकला तेल जनाब का, खाना करे खराब -रविकर http://www.blogger.com/profile/00288028073010827898noreply@blogger.comBlogger3125tag:blogger.com,1999:blog-7292513918260012791.post-90317688186018885012013-01-18T02:01:36.115-08:002013-01-18T02:01:36.115-08:00श्लिष्ट रचनाओं में सब कुछ कह दिया आपने तो!श्लिष्ट रचनाओं में सब कुछ कह दिया आपने तो!डॉ. रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक'https://www.blogger.com/profile/09313147050002054907noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7292513918260012791.post-53163963952031309362013-01-18T01:38:53.695-08:002013-01-18T01:38:53.695-08:00कटाक्षपूर्ण प्रशंसनीय कुंडलियाँ...कटाक्षपूर्ण प्रशंसनीय कुंडलियाँ...Anitahttps://www.blogger.com/profile/17316927028690066581noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7292513918260012791.post-45584351485890217072013-01-18T00:04:53.293-08:002013-01-18T00:04:53.293-08:00बहुत खूब सर जी,*** खाना करे खराब, ताब लेकिन है बाक...बहुत खूब सर जी,*** खाना करे खराब, ताब लेकिन है बाकी ।<br />वालमार्ट का दाब, पड़ेगी मार बला की ।<br /><br />चढ़ा रहे हैं तेल, केतु-राहु ल-खत भिश्ती ।<br />पानी-पानी पुश्त, भंवर में डूबे किश्ती ।। कर रविकर बदनाम, काम का 'पहला' बन्दा ।<br /><br />सदा काम ही काम, याद कर पल-आनन्दा ।<br /><br /> करूँ प्रशंसा नित्य, रखूं ना कभी उधारी ।<br /><br /> तेरे पास प्रमाण, बड़ा मैं प्रेम-पुजारी ।। Anonymoushttps://www.blogger.com/profile/14500351687854454625noreply@blogger.com