tag:blogger.com,1999:blog-7292513918260012791.post7632475671793032807..comments2023-11-05T03:09:01.854-08:00Comments on रविकर की कुण्डलियाँ: जब तक दुनिया है सखे, तब तक पत्थर राज-रविकर http://www.blogger.com/profile/00288028073010827898noreply@blogger.comBlogger4125tag:blogger.com,1999:blog-7292513918260012791.post-6609449746939323582012-11-21T21:54:47.694-08:002012-11-21T21:54:47.694-08:00वाह वाह क्या बात है .बेशर्मों पे कुठाराघात है, आवत...वाह वाह क्या बात है .बेशर्मों पे कुठाराघात है, आवत नहीं फिर भी लाज है .कांग्रेसी "बाज़ "हैं .<br /><br />घनाक्षरी <br />खनन उपक्रम का, बेबस राजधर्म का <br />लूट-तंत्र बेशर्म का, सुवाद अंगूरी है |<br />राजपाट पाय-जात, धरती का खोद-खाद <br />लूट-लूट खूब खात, मिलती मंजूरी है |<br />कहीं कांगरेस राज, भाजप का वही काज <br />छोट न आवत बाज, भेड़-चाल पूरी है |<br />चट्टे-बट्टे थैली केर, सारे साले एक मेर,<br />देर नहिं अंधेर है, आम मजबूरी है || virendra sharmahttps://www.blogger.com/profile/02192395730821008281noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7292513918260012791.post-51543613594507626772012-11-21T08:15:47.479-08:002012-11-21T08:15:47.479-08:00चट्टे-बट्टे थैली केर, सारे साले एक मेर,
देर नहिं अ...चट्टे-बट्टे थैली केर, सारे साले एक मेर,<br />देर नहिं अंधेर है, आम मजबूरी है || <br /><br />सटीक और सामयिक ।<br /><br />काका हाथरसी और काकी की याद में कुटली बढिया लगी ।Asha Joglekarhttps://www.blogger.com/profile/05351082141819705264noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7292513918260012791.post-2513836425534523112012-11-21T04:53:42.063-08:002012-11-21T04:53:42.063-08:00सटीक और सामयिक प्रस्तुति!सटीक और सामयिक प्रस्तुति!डॉ. रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक'https://www.blogger.com/profile/09313147050002054907noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7292513918260012791.post-80694073193694535542012-11-21T03:56:29.796-08:002012-11-21T03:56:29.796-08:00जब तक दुनिया है सखे, तब तक पत्थर राज...
पत्थर राज ...जब तक दुनिया है सखे, तब तक पत्थर राज...<br />पत्थर राज की सब माने ,न माने गिरेगी गाज!!!<br />शुभकामनायें! अशोक सलूजाhttps://www.blogger.com/profile/17024308581575034257noreply@blogger.com