Friday, 12 December 2014
ख़ुशी ख़ुशी ख़ुदकुशी कर, खतम खलल खटराग
मर कर पाये मोक्ष तू, बचने पर बेदाग़ |
ख़ुशी ख़ुशी ख़ुदकुशी कर, खतम खलल खटराग |
खतम खलल खटराग, नहीं अपराध ख़ुदकुशी |
जा झंझट से भाग, असंभव जहाँ वापसी |
जो रविकर कविराय, समस्या से भग जाए |
वह भोगेगा नर्क, शान्ति ना मरकर पाये ||
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