शिशु-बाल
हँसना रोना छींकना, दुख सुख की अनुभूति |
हँसना रोना छींकना, दुख सुख की अनुभूति |
करे तेज बल बुद्धि की, दैनंदिन आपूर्ति ||
![Los Angeles Child Photography](https://lh3.googleusercontent.com/blogger_img_proxy/AEn0k_vvWO_LPvY8S9mL6qL_rJedYg9UNcNoJ1FE6ZRZFNe5mTa1N3cP4E3h8NZ1cGVEUKkzqPUn9wVECTEiGmJ9tXFzb_2296YPJVFII-OLxbZMm3bFE78Z5e8bfRH44E72WvMsutgXP0o=s0-d)
तगड़ा होता फेफड़ा, रोता है तो रोय ।
बच्चे को मत रोकिये, स्वत: शीघ्र चुप होय ||
आँसू बहने दो जरा, भावों को मत रोक |
निर्मल होते दिल नयन, कम हो जाता शोक ||
निर्मल होते दिल नयन, कम हो जाता शोक ||
कान उमेठें गुरू जी, मुख से निकली आह |