लक्षण शुभ समझो त्रिलघु, गर्दन जंघा लिंग ।
कहें चिकित्सक पुरा-अद्य, भृंग विराजे सृंग ।।
भोथर भाला भूल जा, पैना शर ही *पन्य ।
यह लघुत्व *साधन सही, पौरुषता *पर्यन्य ।
पन्य=प्रशंसा करने योग्य
पर्यन्य = बादल की गर्जना
|
बालिगों के लिएभारतीयों का-----सबसे छोटा
Arunesh c dave
तीर नुकीले तीर जब, नाविक नहीं अधीर |
फजीहतें-थुक्का करे, हो तुक्का जब तीर | हो तुक्का जब तीर, परखिये हाथी देशी| अफ्रीकन से तेज, रौंदते खेती वेशी | छोड़ गधे की बात, बन्द बेतुकी दलीलें | पान सुपारी चाप, साधिये तीर नुकीले || तीर=पास, वाण चाप=धनुष सुपारी= - - - - गधे= - - - - |
|