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दर्दनाक घटना घटी, मेरा पास पड़ोस । दुष्टों की हरकत लटी, था *धैया में रोष ।
 
 था *धैया में रोष, कोसते हम दुष्कर्मी ।
 जेल प्रशासन ढीठ, दिखाया बेहद नरमी ।
 
 उठे मदद को हाथ, पीडिता की खातिर अब ।
 अपराधी को सजा, मिलेगी ना जाने कब ।। 
 
*धैया ग्राम हमारे कालेज के बगल में ही है जहाँ यह घटना हुई-  
  
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कलंक है थू ऐसी व्यवस्था पर
ReplyDeleteओह..!
ReplyDeleteबहुत ही दुर्भाग्यपूर्ण हैं ऐसे प्रायोजित हादसे!
मगर हमारा कानून अन्धा भी है और बहरा भी!
बदलाव होना जरूरी है कानून की धाराओं में!