नए वर्ष में शपथ, मरे नहीं मित्र दामिनी-
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 दाम, दामिनी दमन, दम, दंगा दपु दामाद । 
दरबारी दरवेश दुर, दुर्जन जिंदाबाद । 
दुर्जन जिंदाबाद, अनर्गल भाषण-बाजी । 
कर शब्दों से रेप, स्वयंभू बनते गाजी । 
बारह, बारह बजा, बीतती जाय यामिनी ।  
नए वर्ष में शपथ, मरे नहीं मित्र दामिनी ।।   | 
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विनम्र श्रद्धांजलि   
ताड़ो नीयत दुष्ट की,  पहचानो पशु-व्याल | मित्र-सेक्स विपरीत गर, रखो अपेक्षित ख्याल | 
 रखो अपेक्षित ख्याल, पिता पति पुत्र सरीखे। बनकर सच्चा मित्र, हिफाजत करना सीखे || एक घरी का स्वार्थ, जिन्दगी नहीं उजाड़ो | 
जोखिम चलो बराय, मुसीबत झटपट ताड़ो ||  | 
 
