Sunday 28 August 2011

अग्नि वेश धरे शिखंडी-वेश

war 

स्वामी फिर पकड़ा गया, धरे शिखंडी-वेश,
सिब्बल  के  षड्यंत्र से, धोखा खाता देश,

http://www.firstpost.com/wp-content/uploads/2011/08/agnivesh-reuters1.jpg
 

धोखा खाता देश, वस्त्र भगवा का दुश्मन,
टीमन्ना  से द्वेष, कराता उनमे अनबन,



http://upload.wikimedia.org/wikipedia/commons/7/7b/Donkey_1_arp_750px.jpg
 

अग्नि का उद्देश्य, पकाता अपनी खिचड़ी,
 है धरती पर बोझ, बुनाये जाला-मकड़ी ||

15 comments:

  1. सटीक व्यंग .. दुर्भाग्यपूर्ण हैं ऐसे लोग ..

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  2. आज संसद के विशेषाधिकार हनन की तलवार -ए - तोहमत माननीय किरण बेदी पर लटकाने वाले,ॐ पुरी पे गुस्साए हमारे सांसद, उस वक्त कहाँ थे जब कोंग्रेस के एक प्राधिकृत प्रवक्ता ने भारत की संसद को आतंक के साए में रखने वाले विश्व के सबसे खूंखार दहशद गर्द (आतंकवादी ) "ओसामा बिन लादेन "को ओसामा बिन जी कहकर उनके इस्लामिक रीति -रिवाज़ से सुपुर्दे ख़ाक करने की हिदायत ओबामा साहब को दी थी .कहा था सुपुर्दे ख़ाक सबको आदर पूर्वक किया जाना चाहिए ।
    ये ज़नाब उनका मकबरा बनवाकर उस स्थान को क्या मदीना बनवाना चाहते थे ?

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  3. रविवार, २८ अगस्त २०११
    इसी चीनी एजेंट ने रामदेव जी के साथ बदसुलूकी करवाई थी .
    भाई साहब इस आदमी का असली नाम श्याम राव है ,यह आंध्र प्रदेश से १९६७-६८ के आस पास हरियाणा के हिसार स्थित छाज्जू राम जाट महाविद्यालय में पधारे थे ,इन्होनें तत्कालीन प्राचार्य के सम्मान में अपना भाषण पढ़ा था .रात इन्होनें हमारे परम मित्र डॉ .नन्द लाल मेहता "वागीश "जी के संग बिताई थी जो उस वक्त इसी महाविद्यालय में हिंदी विभाग में व्याख्याता थे ।हम उन दिनों नेशनल कोलिज सिरसा में थे .हरयाना का तब आखिरी जिला था मंडी डबवाली से सटा हुआ .
    कुछ अरसे बाद मेहता जी की इनसे भेंट हरयाना के झज्जर नगर (अब जिला ) में स्वामी अग्नी वेश के रूप में हुई .वाणी के प्रखर इस कुतर्क पंडित में सबको अपने माया जाल में फंसाने की क्षमता है .तब कोर्पोरेट समितियों के सेवा निवृत्तडिपुटी रजिस्ट्रार श्री कर्ण सिंह (झज्जर निवासी )जो गुडगाँव से सेवा निवृत्त हुए थे ने मित्र वर -मेहता जी को बतलाया था ,ये भगवा धारी कई मर्तबा "चीनी दूतावास "से निकलता बड़ता देखा गया है .इसे चीन ने हिन्दुस्तान से आर्य समाज को समूल नष्ट करने के लिए इम्प्लांट किया है .अपने उस मिशन में यह कमोबेश ही कामयाब रहा है .तब मेहता जी इसके भगवा वस्त्रों का लिहाज़ कर गए थे ।लेकिन यह नक्सली है .
    हमारे पास पक्की खबर है "स्वामी राम देव "को रामलीला मैदान से गए रात अपमानित करवाने वाला यही खर दिमाग "स्वामी छद्म वेश "था .मेहता जी अर्बन इस्टेट सेक्टर चार,गुडगाँव में रहतें हैं .तब वह इनका लिहाज़ कर गए थे ,उम्र ही क्या थी तब हम लोगों की .आज वह सब कुछ बताने को तत्पर हैं .

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  4. धोखा खाता देश, वस्त्र भगवा का दुश्मन,
    टीमन्ना से द्वेष, कराता उनमे अनबन,इस छद्म वेश ने सोचा था "अपने अन्ना जी "का भी "रामदेव "बना देंगें .कर बुरा ,हो बुरा ,अंत बुरे का बुरा ।
    पानी से पानी मिले ,मिले कीच से कीच ,
    अच्छों को अच्छे मिलें ,मिलें नीच को नीच ।
    बहुत अच्छे मेरे आशु रविकर -दिनकर अन्ना जी ,छा गए हो ,फिजा पर "अन्ना रविकर "बनके .

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  5. हमें इस भगवाधारी का पूर्वजन्म का फ़ोटो अच्छा लगा है?

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  6. आपकी इस उत्कृष्ट प्रविष्टी की चर्चा कल मंगलवार के चर्चा मंच पर भी की गई है! यदि किसी रचनाधर्मी की पोस्ट या उसके लिंक की चर्चा कहीं पर की जा रही होती है, तो उस पत्रिका के व्यवस्थापक का यह कर्तव्य होता है कि वो उसको इस बारे में सूचित कर दे। आपको यह सूचना केवल इसी उद्देश्य से दी जा रही है! अधिक से अधिक लोग आपके ब्लॉग पर पहुँचेंगे तो
    चर्चा मंच का भी प्रयास सफल होगा।

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  7. ये तो कुछ ज्यादा ही है।

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  8. खूब लिखा है आपने.पढ़कर मज़ा आ गया ,रविकर जी.

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  9. कबीरा खडा़ बाज़ार में

    The Blog By KANISHKA KASHYAP.It Speaks in volume against West sponsored Cultural Infiltration.
    Tuesday, August 30, 2011
    क्या यही है संसद की सर्वोच्चता ?
    सोमवार, २९ अगस्त २०११
    क्या यही है संसद की सर्वोच्चता ?
    जहां अध्यक्ष लाचार है ,बारहा कह रहा है हाथ जोड़ कर "बैठ जाइए ,बैठ जाइए "और वक्ता मानसिक रूप से बीमार है .शेष सांसद मानो बंधक बने बैठे हों ,और वक्ता हर वाक्य के अंत में "हप्प हप्प "करता हो ,चेहरे को गोल गोल बनाके इधर उधर घुमाता हो .उपहासात्मक मुख मुद्रा बनाए हुए .दो तरह का भाव होता है वक्ता का एक संवेगात्मक और एक एहंकार का .यहाँ कायिक मुद्रा में भी दंभ है प्रपंच है .क्या यही है -"संसद की सर्वोच्चता "?जो लोग संसद में ,मर्यादा बनाके नहीं रख सकते,ठीक से खड़े नहीं हो सकते , वही लोग संसद के बाहर "विशेषाधिकार हनन की बात करतें हैं .
    जय अन्ना !जय भारत !जय किरण बेदी जी ....जय! जय !जय
    विशेषधिकार की बात करने वालों से दो टूक .
    आज संसद के विशेषाधिकार हनन की तलवार -ए - तोहमत माननीय किरण बेदी पर लटकाने वाले,ॐ पुरी पे गुस्साए हमारे सांसद, उस वक्त कहाँ थे जब कोंग्रेस के एक प्राधिकृत प्रवक्ता ने भारत की संसद को आतंक के साए में रखने वाले विश्व के सबसे खूंखार दहशद गर्द (आतंकवादी ) "ओसामा बिन लादेन "को ओसामा बिन जी कहकर उनके इस्लामिक रीति -रिवाज़ से सुपुर्दे ख़ाक करने की हिदायत ओबामा साहब को दी थी .कहा था सुपुर्दे ख़ाक सबको आदर पूर्वक किया जाना चाहिए ।
    ये ज़नाब उनका मकबरा बनवाकर उस स्थान को क्या मदीना बनवाना चाहते थे ?

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  10. बहुत सटीक प्रस्तुति..

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  11. गुप्ता जी यह तो महा ठग निकला !

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  12. संसद भरो अभियान
    टाइमस ऑफ़ इंडिया पर प्रकाशित एक टिपण्णी ने मुझे इतना प्रभावित किया की मैने सोचा की क्यों न में इसे अपने ब्लॉग पर डाल कर इसका प्रसार करूँ? किरण बेदी और ओम पुरीजी ने कुछ भी गलत नहीं कहा है। हमें दिखाना है की राष्ट्र जग गया है, ईसके लिये हम सब आइये नेताओ को अन्पड, ग्वार, नालायक , दोमुहे, चोर देशद्रोही, गद्दार कहती हुई एक चिठ्ठी लोकसभा स्पीकर को भेजे(इक पोस्टकार्ड ). देखते हैं देश के करोडो लाखो लोगो को सांसद कैसे बुलाते है अपना पक्ष रखने के लिये। यादी इससे और कुछ नहीं हुआ तो भी बिना विसिटर पास के लोक तंत्र के मंदिर संसद को देखने और किरण बेदी के साथ खड़े होने का मौका मिलेगा। और संसद ने सजा भी दे दी तो भी एक उत्तम उद्देश्य के लिये ये जेल भरो होंगा।
    में एक बार फिर ये स्पष्ट कर दू की यह विचार मैने एक टिप्पणी से उठाये हैं पर में इससे १००% सहमत हूँ। कृपया इस विचार को अपने अपने ब्लॉग पर ड़ाल कर प्रसारित करे। आइये राष्ट्र निर्माण में हम अपनी भूमिका निभाये।
    जय हिंद
    प्रस्तुतकर्ता Nilam-the-chimp पर 8:09 PM
    लेबल: अन्ना, आन्दोलन, किरण-बेदी

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  13. स्वामी फिर पकड़ा गया, धरे शिखंडी-वेश,
    सिब्बल के षड्यंत्र से, धोखा खाता देश,

    क्या बात है ....
    बहुत खूब .....!!

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