नए वर्ष में शपथ, मरे नहीं मित्र दामिनी-
| 
 दाम, दामिनी दमन, दम, दंगा दपु दामाद । 
दरबारी दरवेश दुर, दुर्जन जिंदाबाद । 
दुर्जन जिंदाबाद, अनर्गल भाषण-बाजी । 
कर शब्दों से रेप, स्वयंभू बनते गाजी । 
बारह, बारह बजा, बीतती जाय यामिनी ।  
नए वर्ष में शपथ, मरे नहीं मित्र दामिनी ।।   | 
| 
विनम्र श्रद्धांजलि   
ताड़ो नीयत दुष्ट की,  पहचानो पशु-व्याल | मित्र-सेक्स विपरीत गर, रखो अपेक्षित ख्याल | 
 रखो अपेक्षित ख्याल, पिता पति पुत्र सरीखे। बनकर सच्चा मित्र, हिफाजत करना सीखे || एक घरी का स्वार्थ, जिन्दगी नहीं उजाड़ो | 
जोखिम चलो बराय, मुसीबत झटपट ताड़ो ||  | 
 
 



![[jelebi[5].jpg]](https://blogger.googleusercontent.com/img/b/R29vZ2xl/AVvXsEibIRnRq_klFyY0F0EZZ7Ftlx87f8iz5Iw0r17VWv8ll2oZfs5t_T_3aWHMTtSYfDMPmwu5veqkAxffJOPVmMrm4hnbLLxbUbbhwHVEu8X-mNJcAK3iJMVlDv86SYvg6LAIeDRl7zooUfo/s1600/jelebi%5B5%5D.jpg)