Saturday 28 July 2012

संतोष त्रिवेदी & रविकर : जनसन्देश टाइम्स पर-2


4 comments:

  1. जाना चाहिये, यह जानने कि वहाँ क्या संभावनायें थीं..

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  2. यह व्यंग्य २१ जुलाई २०१२ को प्रकाशित हुआ था.

    रविकर जी ,आभार एवं बधाई :-)

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