Friday 9 November 2012

देह देहरी देहरा, दो, दो दिया जलाय -

 
Laxmi ma wallpaper for your computer
 
देह देहरी देहरा,  दो, दो दिया जलाय ।
कर उजेर मन गर्भ-गृह, कुल अघ-तम दहकाय ।

 
कुल अघ तम दहकाय , दीप दस  घूर नरदहा ।
गली द्वार पिछवाड़ , खेत खलिहान लहलहा ।

देवि लक्षि आगमन, विराजो सदा हे हरी ।
सुख सामृद्ध सौहार्द, बसे कुल देह देहरी ।।

 देह, देहरी, देहरा = काया, द्वार, देवालय 
घूर = कूड़ा 
लक्षि  = लक्ष्मी 

8 comments:

  1. प्रभु.... मन जीवन रोशन करे ......

    ReplyDelete
  2. BEHATARIN CHHAND ..... YON LIKHATE RAHIYE PADHANA SUKHAD LAGATA HAI ..

    ReplyDelete
  3. दिपावली की हार्दिक शुभकामनाएं.

    ReplyDelete
  4. सांस्कृतिक थाती बन खड़ी है यह रचना इस पर्व की .
    बधाई शुभ दिवाली की निकले दिवाला उस रुकी हुई घड़ी से चहरे वाली कमान हाई का ,बिना सुइयों वाले उस निर्भाव उल्लासहीन चहरे का जो डेंगू मच्छर की तरह खून चूसे है आम आदमी का .,बोले तो -मोहन मन हैं लोग .

    ReplyDelete
  5. yah dipawali apake bhitar ke tam ko bhi dahaka de, dipawali ki hardik shubhakmana.

    ReplyDelete
  6. बहुत खूबसूरत प्रस्तुति
    मन के सुन्दर दीप जलाओ******प्रेम रस मे भीग भीग जाओ******हर चेहरे पर नूर खिलाओ******किसी की मासूमियत बचाओ******प्रेम की इक अलख जगाओ******बस यूँ सब दीवाली मनाओ

    ReplyDelete
  7. बहुत खूबसूरत प्रस्तुति
    मन के सुन्दर दीप जलाओ******प्रेम रस मे भीग भीग जाओ******हर चेहरे पर नूर खिलाओ******किसी की मासूमियत बचाओ******प्रेम की इक अलख जगाओ******बस यूँ सब दीवाली मनाओ

    ReplyDelete