Tuesday 19 November 2013

अन्ना करे विलाप, हमारे धन से लड़ता-

लड़ता भ्रष्टाचार से, आज आप हित आप |
आप दुखी है बाप से, अन्ना से सन्ताप |

अन्ना से सन्ताप, चंद चंदे का चक्कर |
सदाचार संदिग्ध, हुआ है चेला शक्कर |

आंदोलन से आप, इलेक्शन खातिर बढ़ता |
अन्ना करे विलाप, हमारे धन से लड़ता ||

6 comments:

  1. सुन्दर प्रस्तुति मान्य वर .

    ReplyDelete
  2. अन्ना का दुःख कौन दूर करेगा....

    ReplyDelete
  3. हमारे यहां के अन्ना आजकल मोदी हो गये हैं चिंता की बात नहीं है !

    ReplyDelete
  4. बहुत सुन्दर प्रस्तुति...!
    --
    आपकी इस प्रविष्टि् की चर्चा आज बृहस्पतिवार को (21-11-2013) चर्चा-1436 में "मयंक का कोना" पर भी होगी!
    --
    सूचना देने का उद्देश्य है कि यदि किसी रचनाकार की प्रविष्टि का लिंक किसी स्थान पर लगाया जाये तो उसकी सूचना देना व्यवस्थापक का नैतिक कर्तव्य होता है।
    --
    हार्दिक शुभकामनाओं के साथ।
    सादर...!
    डॉ.रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक'

    ReplyDelete
  5. अन्ना करे विलाप, हमारे धन से लड़ता-
    लड़ता भ्रष्टाचार से, आज आप हित आप |
    आप दुखी है बाप से, अन्ना से सन्ताप |

    अन्ना से सन्ताप, चंद चंदे का चक्कर |
    सदाचार संदिग्ध, हुआ है चेला शक्कर |

    आंदोलन से आप, इलेक्शन खातिर बढ़ता |
    अन्ना करे विलाप, हमारे धन से लड़ता ||

    सुन्दर प्रासंगिक .

    ReplyDelete