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Wednesday, 4 April 2012

किन्तु जहर मत डाल, असर प्यारों पर पारे

खिले बगीचे फूल संग, अनचाहे पतवार ।
जैसे घर-संसार में, लें आकार विकार । 


 

लें विकार आकार , उखाड़ो जड़ से सारे ।
किन्तु जहर मत डाल, असर प्यारों पर पारे ।


है जीवन की सीख, नीच जब रहे लंगीचे ।
तब सु-मनों का मूल्य, समझते खिले बगीचे ।।