(१) 
बाबा का अनशन 
तोडना था लिट्टी-चोखे  से 
लेकिन, 
देश की करोड़ों जनता का मन 
और  अनशन  
सरकार ने तोडा 
धोखे  से
               (२) 
 सरकार को रहा था खल ||
कानूनी दांव-पेंच और 
कपिल-सिब्बल ||
कपिल-सिब्बल ||
 आंसू-गैस,  डंडे  और 
पुलिस-बल ||
पुलिस-बल ||
दोनों ने मिलकर 
रामलीला मैदान पर 
भक्तों को बुला दिया हल ||
बड़े-बुजुर्ग महिलायें और
भक्तों को बुला दिया हल ||
बड़े-बुजुर्ग महिलायें और
बच्चे 
गए कुचल ||
लगा दी आग,
शिविर गए जल ||
 
लगा दी आग,
शिविर गए जल ||
पर,
जलेगी पापियों की लंका |
जलेगी पापियों की लंका |
देश गया जाग, 
बजेगा,  सदाचार का डंका  ||
फिलहाल,
जीत गई सरकार |
 जय हो भ्रष्टाचार ||
 
 
बहुत सुन्दर कविता है , बहुत सटीक भी ।
ReplyDeleteबाबा का अनशन तोडना था लिट्टी-चोखे से
ReplyDeleteलेकिन, देश की करोड़ों जनता का मन और अनशन सरकार ने तोडा धोखे से
sahi baat ..
बाबा का अनशन तोडना था लिट्टी-चोखे से
ReplyDeleteलेकिन, देश की करोड़ों जनता का मन और अनशन सरकार ने तोडा धोखे से
sahi baat hai ji....