Wednesday 9 May 2012

रविकर अंकुर नवल, कबाड़े पौध कबड़िया -

Young girl sitting on a log in the forest
जलें लकड़ियाँ लोहड़ी, होली बारम्बार
जले रसोईं में कहीं, कहीं घटे व्यभिचार ।

कहीं घटे व्यभिचार, शीत-भर जले अलावा ।
भोगे अत्याचार,  जिन्दगी विकट छलावा ।

रविकर अंकुर नवल, कबाड़े पौध कबड़िया
आखिर जलना अटल, बचा क्यूँ रखे लकड़ियाँ ।।
Lohri
लकड़ी काटे चीर दे, लक्कड़-हारा रोज ।
लकड़ी भी खोजत-फिरत, व्याकुल अंतिम भोज ।
http://upload.wikimedia.org/wikipedia/commons/f/f9/Sati_ceremony.jpg

8 comments:

  1. sarthak post man ki vyakulta ko kareene se sanjoya hae .meri nai post par svagat hae.

    ReplyDelete
  2. लकड़ी काटे चीर दे, लक्कड़-हारा रोज ।
    लकड़ी भी खोजत-फिरत, व्याकुल अंतिम भोज ।
    मार्मिक व्यंग्य .
    http://upload.wikimedia.org/wikipedia/commons/f/f9/Sati_ceremony.jpg
    .कृपया यहाँ भी पधारें -
    बुधवार, 9 मई 2012
    शरीर की कैद में छटपटाता मनो -भौतिक शरीर
    जीवन में बड़ा मकसद रखना दिमाग में होने वाले कुछ ऐसे नुकसान दायक बदलावों को मुल्तवी रख सकता है जिनका अल्जाइमर्स से सम्बन्ध है .
    http://kabirakhadabazarmein.blogspot.in/
    बुधवार, 9 मई 2012
    http://veerubhai1947.blogspot.in/
    बुधवार, 9 मई 2012
    .
    http://veerubhai1947.blogspot.in/

    ReplyDelete



  3. जलें लकड़ियाँ लोहड़ी, होली बारम्बार।
    जले रसोईं में कहीं, कहीं घटे व्यभिचार ।


    आदरणीय रविकर फैजाबादी जी
    सादर प्रणाम !
    लकड़ी के माध्यम से आपने महान संदेश दे दिया है …
    जीवन का सत्य बता दिया है …

    श्रेष्ठ सृजन के लिए आभार !

    मंगलकामनाओं सहित…

    -राजेन्द्र स्वर्णकार

    ReplyDelete
  4. वाह !बहुत खूब ! जीवन के अंतिम भोज की ओर इशारा करती लकडियाँ !

    ReplyDelete
  5. भाई जी , जिन्दगी का फलसफां समझा दिया आपने!
    आभार!

    ReplyDelete
  6. बहुत बढ़िया प्रस्तुति!
    घूम-घूमकर देखिए, अपना चर्चा मंच
    लिंक आपका है यहीं, कोई नहीं प्रपंच।।
    आपकी इस प्रविष्टी की चर्चा कल शनिवार के चर्चा मंच पर भी होगी!
    सूचनार्थ!
    --
    डॉ. रूपचंद्र शास्त्री "मयंक"
    टनकपुर रोड, खटीमा,
    ऊधमसिंहनगर, उत्तराखंड, भारत - 262308.
    Phone/Fax: 05943-250207,
    Mobiles: 09456383898, 09808136060,
    09368499921, 09997996437, 07417619828
    Website - http://uchcharan.blogspot.com/

    ReplyDelete
  7. बहुत बेहतरीन व प्रभावपूर्ण रचना....
    मेरे ब्लॉग पर आपका हार्दिक स्वागत है।

    ReplyDelete
  8. बहुत बेहतरीन व प्रभावपूर्ण रचना....
    मेरे ब्लॉग पर आपका हार्दिक स्वागत है।

    ReplyDelete