Wednesday 28 November 2012

पैरों पर होना खड़े, सीखो सखी जरुर-


पैरों पर होना खड़े, सीखो सखी जरुर ।
 आये जब आपात तो,  होना मत मजबूर ।

 होना मत मजबूर, सिसकियाँ नहीं सहारा ।
कन्धा क्यूँकर खोज, सँभालो जीवन-धारा ।

समय हुआ विपरीत, भरोसा क्यूँ गैरों पर ?
 खुद से लिखिए जीत, खड़ी हो खुद पैरों पर ।।

 

3 comments:

  1. अति उत्तम सीख .अपना हाथ जगन्नाथ .आप भरोसा महा भरोसा आप काज महा काज .बिना मरे स्वर्ग नहीं मिलता .

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  2. ब्लॉगर होते जा रहे, पॉलिटिक्स में लिप्त |
    राजग यू पी ए भजें, मिला मसाला तृप्त |

    मिला मसाला तृप्त, उठा ले लाठी डंडा |
    बने प्रचारक पेड, चले लेखनी प्रचंडा |

    धैर्य नम्रता ख़त्म, दांत पीसे अब रविकर |
    दे देते हैं जख्म, कटकहे कितने ब्लॉगर -

    कटखने (कुत्ते ब्लॉगर ),पेड़ होते हैं भैया बड़े उपकारी भैया .

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