Thursday, 15 December 2011

कान उमेठें गुरू जी--

शिशु-बाल  
A childhood photograph of Nguyen Tuong Van.
हँसना रोना छींकना, दुख सुख की अनुभूति |
करे तेज बल बुद्धि की, दैनंदिन आपूर्ति ||

Los Angeles Child Photography
तगड़ा होता फेफड़ा,  रोता  है तो रोय । 
बच्चे को मत रोकिये, स्वत: शीघ्र चुप होय  ||
Child Crying - IMG_1854.jpg
आँसू  बहने  दो जरा, भावों  को  मत  रोक  |
निर्मल होते दिल नयन, कम हो जाता शोक ||
Shock
कान  उमेठें  गुरू  जी, मुख से निकली आह |
बुद्धि तीक्ष्ण होती समझ,  भरते ज्ञान अथाह ||
 
गिरने से छिल जाय जब,  नरम -मुलायम खाल |
शांत चित्त हो देखिये, हृष्ट-पुष्ट हो बाल ||
 

एकाकी बालक नहीं,  सह पाता अवसाद |
हारे-जीते झुण्ड  में, जाने दुःख -उन्माद ||

Thursday, 8 December 2011

चढ़े चढ़ावा दूर, कागदे होय कमाई ||

रेगा होते जा रहे, लाभुक और मजूर |
बैठ कमीशन खा रहे, बिना काम भरपूर |
http://upload.wikimedia.org/wikipedia/commons/9/91/Kettenbagger_CAT_325C_LN.jpeg
बिना काम भरपूर, मशीनें करैं खुदाई |
चढ़े चढ़ावा दूर, कहीं कागदे कमाई |

वैसे ग्राम-विकास, करे यूँ खूब नरेगा |
किन्तु श्रमिक अलसात, खेत-घर आधे रेगा ||


Thursday, 27 October 2011

भैया दूज पर-

सम्बन्धों  की  श्रृंखला,  निर्विकार - निष्काम |
जननी सम भगिनी दिखे, भर-जीवन अविराम ||

बहना के जियरा बसे, नेह परम-उत्ताल |
भाई  स्वारथ  में  पड़े,  दूर होय हर साल ||

करुणामयी पुकार पर,  धाये  भैया  हर्ष |
हर बहना महफूज हो, सामाजिक-उत्कर्ष ||

जीजाबाई मातु की, जसुमति पन्ना धाय |
लक्ष्मी दुर्गावती की, महिमा गाय अघाय |
लोकगीत में है भरा,  भाई-बहना प्यार |
पर आदर्शों की कमी, रहा झेल संसार ||

अनदेखी   भारी   पड़े,  पाप - कर्म  से  बाज  |
भ्रूण प्रौढ़ तक पोसिये, माँ मत भूल समाज ||
Bhai Duj

कुण्डली
राम-लखन की शान्ता,  भूले  तुलसीदास |
बहनों के बलिदान को, भूला  यह इतिहास |

भूला यह इतिहास, नहीं आकर्षण दिखता |
पावन प्यार-दुलार, ग्रन्थ न कोई लिखता |

कह रविकर अफ़सोस, बहन को नहीं जानता |
रखो याद हे राम,  लखन की बहन शान्ता ||

Sunday, 23 October 2011

शुभकामनाएं--

File:Onam pookalam.jpg
रचो रँगोली लाभ-शुभ, जले  दिवाली  दीप |
माँ लक्ष्मी का आगमन, घर-आँगन रख लीप ||

Deepavali To Complete With Gambling













घर-आँगन रख लीप, करो स्वागत तैयारी |
लेखक-कवि मजदूर, कृषक, नौकर, व्यापारी |
Diwali Cracker Hamper
नहीं खेलना ताश, नशे की छोडो टोली |
दो बच्चों का साथ, रचो मिल सभी रँगोली  ||

Saturday, 22 October 2011

हाथी पर अब बैठ, ठगिन-माया को भोगो-


विकास के मामले में मोदी से पीछे नहीं हैं माया-रिपोर्ट



Buy Narendra Modi: The Architect Of A Modern State
*लोगों  ने  हरदम किया, महापलायन खूब |
*हाथी जो होता नहीं, यू  पी  जाता  डूब |
Uttar Pradesh CM Mayawati waves after inaugurating the Rashtriya Dalit Prerna Sthal in Noida. Maya      
*यू  पी  जाता  डूब,  बड़ी किरपा की बहना |
*यन यस पी डी खूब,  सजे  गुजराती गहना |

*हाथी पर अब बैठ,  ठगिन-माया  को  भोगो |
*बढ़िया  तर्क - रिपोट, लौट कर आओ लोगों ||

Thursday, 20 October 2011

टिप्पण-रुप्पण एक सम, वापस मिली न एक |

किस्मत  में  पत्थर  पड़े,  माथे  धड़  दीवाल |
भंग  घोटते  कामजित,  घोटे  मदन  कमाल |
Deepavali To Complete With Gambling














घोटे  मदन  कमाल, दिवाली जित-जित आवै |
पा   जावे   पच्चास,  दाँव   पर   एक  लगावे |

रविकर  होय  निराश,  लगा  के  पूरे  सत्तर |
हार जाए सब दाँव, पड़े किस्मत में पत्थर ||
File:Bicycle-playing-cards.jpg
चौपड़ पर बेगम सजे, राजा बैठ अनेक |
टिप्पण-रुप्पण एक सम, वापस मिली न एक |

Custom Imprinted Playing Cards

वापस मिली न एक, दाँव रथ-हाथी-घोड़े |
 थोड़े चतुर सयान, टिपारा बैठे मोड़े |
File:Jack playing cards.jpg
कह रविकर कविराय, गया राजा का रोकड़ |
जीते सभी गुलाम, हारते रानी-चौपड़ ||
टिपारा=मुकुट के आकार की कलँगीदार  टोपी

Wednesday, 19 October 2011

गर्लफ्रेंड के इनकार पर IITian ने दी जान


**ऊंचीं शिक्षा के दिखे, फल कितने प्रतिकूल |

**रिश्ते - नाते  भूल के,  जीना  जाते भूल |


**जीना  जाते भूल, हसरतें मातु-पिता की |

**प्रेम-पाश में झूल,  देखता राह चिता की |


**दे  दे  रे औलाद,  हमें  इकलौती  भिक्षा |
 
**वापस आ जा छोड़, यही गर ऊंचीं शिक्षा ||

Monday, 17 October 2011

फाड़ेंगे इस बार, जानवर नासिर तेरे -

नासिर  तेरे टीम  में,  कुछ  पप्पी अंग्रेज |
गेंद पकड़नी भूल कर, पिच पर उलझें तेज  |
Praveen Kumar struck in his first over
पिच  पर उलझें तेज,  भले  थे  तेरे  डंकी |
घर के ही तुम शेर,  चले ना इत नौटंकी |
   
Virat Kohli reaches his hundred as India race to victory
चोटिल थे तब शेर, शेर अब घायल मेरे |
फाड़ेंगे  इस  बार,   जानवर  नासिर  तेरे ||

Sunday, 16 October 2011

पब्लिक दी मरवाय

 बोले अकबर  देर तक,  बँटवारे  की  बात |
 व्याख्यान में खोल के,  नेहरु  का उत्पात  | 
नेहरु का उत्पात, सहा हर हिन्दुस्तानी  |
जिन्ना पर भी खूब,  चढ़ी थी सत्ता-रानी |
दोनों ये अंग्रेज,  बने जब सबके रहबर |
 पब्लिक दी मरवाय,  लड़ा के बोले अकबर |

Saturday, 15 October 2011

कान्ता कर करवा करे, सालो-भर करवाल ||

 (शुभकामनाएं)
कर करवल करवा सजा,  कर सोलह श्रृंगार |
माँ-गौरी आशीष दे,  सदा बढ़े शुभ प्यार ||
   करवल=काँसा मिली चाँदी
कृष्ण-कार्तिक चौथ की,  महिमा  अपरम्पार |
क्षमा सहित मन की कहूँ,  लागूँ  राज- कुमार ||
Karwa Chauth
(हास-परिहास)
कान्ता कर करवा करे, सालो-भर करवाल |
  सजी कन्त के वास्ते, बदली-बदली  चाल ||
  करवाल=तलवार  
करवा संग करवालिका,  बनी बालिका वीर |
शक्ति  पा  दुर्गा   बनी,  मनुवा  होय  अधीर ||
करवालिका = छोटी गदा / बेलन जैसी भी हो सकती है क्या ?

 शुक्ल भाद्रपद चौथ का, झूठा लगा कलंक |
सत्य मानकर के रहें,  बेगम सदा सशंक ||

  लिया मराठा राज जस, चौथ नहीं पूर्णांश  |
चौथी से ही चल रहा,  अब क्या लेना चांस ??


(महिमा )  
नारीवादी  हस्तियाँ,  होती  क्यूँ  नाराज |
गृह-प्रबंधन इक कला, ताके पुन: समाज ||

 मर्द कमाए लाख पण,  करे प्रबंधन-काज |
घर लागे नारी  बिना,  डूबा  हुआ  जहाज  ||

Monday, 10 October 2011

" तटस्थ रहना पाप नहीं "

 दिव्य   युध्द से   अनु  प्रेरित 

झगड़ा-झंझट को झटक, झूलन-झगरू चूम |
मध्यस्थी  के  मर्म  में,   घोंपे  चाक़ू  झूम |

घोंपे  चाक़ू  झूम,   रीति  है  झारखण्ड  में -
झगड़े में मत घूम,  कटेगा फिरी-फण्ड  में |
नक्सल छ: इंच छोटा करेगा 
या
पुलिस एंकाउन्टर कर देगी
जीत उसी की होय, बन्धु  दम  जिसका तगड़ा |
 जरा  दूर  से  देख,  बड़े  मल्लों  का  झगड़ा ||


तर्क-संगत टिप्पणी की पाठशाला--

 "क्षमा -याचना सहित"
हर  लेख  को  सुन्दर कहा,  श्रम  को  सराहा हृदय से, 
अब  तर्क-संगत  टिप्पणी  की  पाठशाला  ले  चलो ||
Traditional Roses Mala
खूबसूरत  शब्द  चुन  लो,  भावना  को  कूट-कर के
माखन-मलाई में मिलाकर, मधु-मसाला  ले  चलो  |

http://static.panoramio.com/photos/original/5316683.jpg




विज्ञात-विज्ञ  विदोष-विदुषी  के विशिख-विक्षेप मे |
इस वारणीय विजल्प पर, इक विजय-माला ले चलो |
वारणीय=निषेध करने योग्य     विजल्प=व्यर्थ बात      विशिख=वाण  
      विदोष-विदुषी=  निर्दोष विदुषी                 विज्ञात-विज्ञ= प्रसिध्द विद्वान 

    

क्यूँ   दूर  से  निरपेक्ष  होकर,  हाथ  करते  हो  खड़े -
ना आस्तीनों  में  छुपाओ,  तीर - भाला  ले  चलो ||

टिप्पणी के गुण सिखाये, आपका अनुभव सखे,
चार-छ: लिख कर के  चुन लो, मस्त वाला ले चलो ||

लेखनी-जिभ्या जहर से जेब में रख लो, बुझा कर -
हल्की सफेदी तुम चढ़ाकर,  हृदय-काला  ले  चलो |

टिप्पणी जय-जय करे,  इक लेख पर दो बार हरदम-
कविता अगर 'रविकर' रचे तो, संग-ताला ले चलो |

जीवमातृका पञ्च कन्या तो बचा ||

जीवमातृका  वन्दना, माता  के  सम पाल |
जीवमंदिरों को सुगढ़, करती सदा संभाल ||
http://upload.wikimedia.org/wikipedia/commons/6/61/Stone_sculpt_NMND_-20.JPG 
शिव और जीवमातृका

धनदा  नन्दा   मंगला,   मातु   कुमारी  रूप |
बिमला पद्मा वला सी, महिमा अमिट-अनूप ||
https://lh3.googleusercontent.com/-ks78KCkMJR4/Tj_QMkR5FTI/AAAAAAAAAPI/PFy_h6xRHYY/bhrun-hatya_417408824.jpg
भ्रूण-हत्या
माता  करिए  तो  कृपा, सातों  में  से  एक |
भ्रूणध्नी माता-पिता,  देते असमय फेंक ||
http://aditikailash.jagranjunction.com/files/2010/06/bhrun-hatya.jpg
भ्रूण-हत्या 
कुन्ती   तारा   द्रौपदी,  लेशमात्र   न   रंच |
आहिल्या-मन्दोदरी , मिटती कन्या-पञ्च |
http://www.barodaart.com/Oleographs%20Mythology/PanchKanya-M(1).jpg
पन्च-कन्या
सातों  माता  भी  नहीं, बचा  सकी  गर  पाँच |
सबकी महिमा  पर  पड़े,  मातु  दुर्धर्ष  आँच |

Monday, 3 October 2011

सुपुत्री मनु को जन्मदिन की बधाई : 4 अक्टूबर

लड़का-लड़की में भले, भेद हैं करते कस ?

आश्विन की तिथि पञ्चमी, रहा नवासी वर्ष,
बहन शिवा की आ गई,  हर्ष  चरम  उत्कर्ष  |

हर्ष  चरम  उत्कर्ष, शीघ्र  ही  लगी  डोलने,
ताला - चाभी  फर्श,  पेटिका  लगी खोलने |

कह रविकर हरसाय, ख़ुशी से बीते हरदिन,
माता की नवरात, मास फलदायक आश्विन ||


भाई के संग में शुरू ,  किया   पढाई  कर्म  |
सीखे  थोड़ी  देर  से,  पर  भूले  न  मर्म | 

पर  भूले  न  मर्म, शिवा को टक्कर देती |
सीखी बाइक कार, कदम न पीछे लेती |

स्वस्ति-मेधा बहन, सिखा के खुब हरसाई |
प्यार हृदय में गहन, शिवा सा पाई भाई ||
File:Nit-durgapur.jpg
NIT, D 

राष्ट्रीय   संस्थान  में,   भाई  इलहाबाद,
जीवन में पहली दफा,  था गहरा अवसाद |

था गहरा अवसाद, पीलिया को  भी झेली ,
मैं एडमिट वेलूर, साल इक पढ़ी अकेली  |

माँ का पा आशीष, किया श्रम इम्तिहान में,
एडमिट  दुर्गापुर,   राष्ट्रीय  संस्थान  में ||
 july-2012

 
SHIVA  दुबई V
 
Swasti- Medha, Rachna Sharma, Rupal Srivastava 
at BIET, Jhansi 
भाई टी सी आय एल, बहन है टी सी यस | 
लड़का-लड़की में भले, भेद हैं करते कस ?  
 
भेद हैं करते कस, साथ खूब क्रिकेट खेली | 
भाई की है  दोस्त, बहन की बड़ी सहेली | 
 
मात-पिता हम देत, खूब आशीष बधाई | 
स्वस्ति-मेधा बहन, शिवा सा प्यारा भाई ||
Telecommunications Consultants India Limited
         (A Government of India Enterprise)
IS/ISO 9001 2000
T C S 

Wednesday, 28 September 2011

लीज छीज खा खनिज-

फूटी  आँखें  जीव  की,  तम  भी  नहीं  दिखाय |
तमसो  मा  ज्योति  गया, चकाचौंध अतिकाय | 
DEATH TRAPS: Women and children at work in an illegal coal mine at Banwar Ramgarh village in Jharkhand. Photo: Manob Chowdhury
चकाचौंध   अतिकाय,   भोगते   रेड्डी - कोड़ा |
लीज छीज  खा खनिज,  करोड़ों  जोड़ा - तोड़ा |
File photo of a mine in Bellary district of Karnataka. Photo: Special Arrangement.
पर रविकर पड़ जाय, तमन्चर अधिक उजाला |
आँखे   जाती   फूट,   बदन  पड़  जाता  काला ||
तमन्चर=निशाचर, राक्षस, उल्लू