लड़का-लड़की में भले, भेद हैं करते कस  ?
आश्विन की तिथि पञ्चमी, रहा नवासी वर्ष, 
बहन शिवा की आ गई,  हर्ष  चरम  उत्कर्ष  |
हर्ष  चरम  उत्कर्ष, शीघ्र  ही  लगी  डोलने,
ताला - चाभी  फर्श,  पेटिका  लगी खोलने |
कह रविकर हरसाय, ख़ुशी से बीते हरदिन,
माता की नवरात, मास फलदायक आश्विन ||
भाई के संग में शुरू ,  किया   पढाई  कर्म  |
सीखे  थोड़ी  देर  से,  पर  भूले  न  मर्म | 
पर  भूले  न  मर्म, शिवा को टक्कर देती |
सीखी बाइक कार, कदम न पीछे लेती |
स्वस्ति-मेधा बहन, सिखा के खुब हरसाई |
प्यार हृदय में गहन, शिवा सा पाई भाई ||
 NIT, D
NIT, D    
राष्ट्रीय   संस्थान  में,   भाई  इलहाबाद, 
जीवन में पहली दफा,  था गहरा अवसाद |
था गहरा अवसाद, पीलिया को  भी झेली ,
मैं एडमिट वेलूर, साल इक पढ़ी अकेली  |
माँ का पा आशीष, किया श्रम इम्तिहान में,
एडमिट  दुर्गापुर,   राष्ट्रीय  संस्थान  में ||
 july-2012
 
 ^ दिल्ली kush SHIVA  दुबई V
^ दिल्ली kush SHIVA  दुबई V
 

 
Swasti- Medha, Rachna Sharma, Rupal Srivastava 
at BIET, Jhansi 
- भाई टी सी आय एल, बहन है टी सी यस | 
- लड़का-लड़की में भले, भेद हैं करते कस ?  
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- भेद हैं करते कस, साथ खूब क्रिकेट खेली | 
- भाई की है  दोस्त, बहन की बड़ी सहेली | 
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- मात-पिता हम देत, खूब आशीष बधाई | 
- स्वस्ति-मेधा बहन, शिवा सा प्यारा भाई ||