हमेशा की तरह लाजवाब ।
बहुत सुन्दर प्रस्तुति।-- आपकी इस' प्रविष्टि् की चर्चा कल रविवार (08-06-2014) को ""मृगतृष्णा" (चर्चा मंच-1637) पर भी होगी!--हार्दिक शुभकामनाओं के साथ।सादर...!डॉ.रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक
very nice
रवि कर मत संकोच, पड़े सैकड़ों बहाने । व्यस्त आज-कल कृष्ण, नहीं कालिया नथाने ॥ बहुत खूब !
हमेशा की तरह लाजवाब ।
ReplyDeleteबहुत सुन्दर प्रस्तुति।
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आपकी इस' प्रविष्टि् की चर्चा कल रविवार (08-06-2014) को ""मृगतृष्णा" (चर्चा मंच-1637) पर भी होगी!
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हार्दिक शुभकामनाओं के साथ।
सादर...!
डॉ.रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक
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ReplyDeleteरवि कर मत संकोच, पड़े सैकड़ों बहाने ।
व्यस्त आज-कल कृष्ण, नहीं कालिया नथाने ॥
बहुत खूब !