जीवमातृका वन्दना, माता के सम पाल |
जीवमंदिरों को सुगढ़, करती सदा संभाल ||
शिव और जीवमातृका
धनदा नन्दा मंगला, मातु कुमारी रूप |
बिमला पद्मा वला सी, महिमा अमिट-अनूप ||
भ्रूण-हत्या
माता करिए तो कृपा, सातों में से एक |
भ्रूणध्नी माता-पिता, देते असमय फेंक ||
भ्रूण-हत्या
कुन्ती तारा द्रौपदी, लेशमात्र न रंच |
आहिल्या-मन्दोदरी , मिटती कन्या-पञ्च |
पन्च-कन्या
सातों माता भी नहीं, बचा सकी गर पाँच |
सबकी महिमा पर पड़े, मातु दुर्धर्ष आँच |
Nice .
ReplyDeletehttp://hindi-blogging-guide.blogspot.com/2011/06/blog-post.html?showComment=1318228864250#c9049259141183263378
बहुत सुन्दर..
ReplyDeleteबड़ी ही सुन्दर और प्रभावी क्षणिकायें।
ReplyDeleteअच्छी प्रस्तुति...
ReplyDeletebehtarin kshdikayein...shandaar prastuti
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