Thursday, 20 October 2011

टिप्पण-रुप्पण एक सम, वापस मिली न एक |

किस्मत  में  पत्थर  पड़े,  माथे  धड़  दीवाल |
भंग  घोटते  कामजित,  घोटे  मदन  कमाल |
Deepavali To Complete With Gambling














घोटे  मदन  कमाल, दिवाली जित-जित आवै |
पा   जावे   पच्चास,  दाँव   पर   एक  लगावे |

रविकर  होय  निराश,  लगा  के  पूरे  सत्तर |
हार जाए सब दाँव, पड़े किस्मत में पत्थर ||
File:Bicycle-playing-cards.jpg
चौपड़ पर बेगम सजे, राजा बैठ अनेक |
टिप्पण-रुप्पण एक सम, वापस मिली न एक |

Custom Imprinted Playing Cards

वापस मिली न एक, दाँव रथ-हाथी-घोड़े |
 थोड़े चतुर सयान, टिपारा बैठे मोड़े |
File:Jack playing cards.jpg
कह रविकर कविराय, गया राजा का रोकड़ |
जीते सभी गुलाम, हारते रानी-चौपड़ ||
टिपारा=मुकुट के आकार की कलँगीदार  टोपी

11 comments:

  1. :):) दीवाली मनाई जा रही है :)

    ReplyDelete
  2. बहुत खूब, शुभकामनायें।

    ReplyDelete
  3. न सिर्फ़ रचना अच्छी लगी बल्कि चित्र भी लजवाब लगे।

    ReplyDelete
  4. आपकी इस प्रविष्टी की चर्चा कल शनिवार के चर्चा मंच पर भी की गई है!
    यदि किसी रचनाधर्मी की पोस्ट या उसके लिंक की चर्चा कहीं पर की जा रही होती है, तो उस पत्रिका के व्यवस्थापक का यह कर्तव्य होता है कि वो उसको इस बारे में सूचित कर दे। आपको यह सूचना केवल इसी उद्देश्य से दी जा रही है! अधिक से अधिक लोग आपके ब्लॉग पर पहुँचेंगे तो चर्चा मंच का भी प्रयास सफल होगा।

    ReplyDelete
  5. बहुत बढ़िया.... ताश के खेल का क्या खूब चित्रण किया है....वाह

    ReplyDelete
  6. pls see www.aclickbysumeet.blogspot.com

    ReplyDelete
  7. बहुत खूब, शुभकामनायें।

    ReplyDelete
  8. वाह क्या खुब लिखा है|
    बहुत सुन्दर!

    ReplyDelete
  9. shaandaar prastuti ...Happy Deepawali.

    ReplyDelete