Wednesday, 10 April 2013

शूटर लिया बुलाय, बाप की दिया सुपारी

 नवसंवत्सर की शुभकामनायें -

पारी-पारा मेटिये, रिश्ते नाते ख़ास । 
लेने जो देते नहीं, आजादी से साँस । 

आजादी से साँस, रास आते ना भाई । 
दादा दादी बाप, चचा चाची माँ माई  । 

सभी दुखों का मूल, दोस्ती रिश्तेदारी । 
 शूटर लिया बुलाय,  बाप की दिया सुपारी । 

14 comments:

  1. नववर्ष की हार्दिक शुभकामनायेँ ।

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  2. पतन की चरम अवस्था -आखिर इंसान कितना और गिरेगा!

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  3. अब बस यही होना बाकी है ....

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  4. बाप बेटा के रिश्तों को कलंकित करती रचना.

    आपको नवसंवत्सर की हार्दिक मंगलकामनाएँ!

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  5. पतन की चरम अवस्था,नववर्ष की हार्दिक शुभकामनायेँ

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  6. आदरणीय गुरुदेव श्री सादर प्रणाम जय माता दी नवरात्रि की हार्दिक शुभकामनाएं बहुत ही सुन्दर कुण्डलिया आदरणीय बधाई स्वीकारें.

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  7. दौलत की हवस में रिश्तों के पतन का चरमोत्कर्ष...

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  8. सभी दुखों का मूल, दोस्ती रिश्तेदारी ।
    शूटर लिया बुलाय, बाप की दिया सुपारी ।

    धारदार तंज सामाजिक क्षरण पर .

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  9. अर्थशास्त्र में महारथी , आधुनिक बेटा

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  10. हा हा हा हा हा .....

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  11. नववर्ष की हार्दिक शुभकामनायेँ गुरूजी

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  12. बड़ी तेज धार वाली रचना

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  13. जैसा करेगा बाप वैसा भरेगा बाप
    बेटा आज सुपारी दे रहा है किसी को
    कल को खुद मारेगा गोली अगर
    तब भी क्या करेगा बाप
    जैसा करेगा बाप वैसा भरेगा बाप !

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