गजब सर जी गज़ब********** आय हिन्दु को लाज, नकलची हमसे बढ़कर । सेलेना धिक्कार, कहे धर्मांध बिगड़कर । सकते हमी उडाय, धज्जियां साँची-साँची । तुम होती हो कौन, लगा के बिंदी नाची ॥
सुन्दर.........आभार !!
bahut sundar!latest post तुम अनन्त
बहुत बढ़िया रचना जनाब ...... आभार
ख़ूब कहा!
गजब सर जी गज़ब********** आय हिन्दु को लाज, नकलची हमसे बढ़कर ।
ReplyDeleteसेलेना धिक्कार, कहे धर्मांध बिगड़कर ।
सकते हमी उडाय, धज्जियां साँची-साँची ।
तुम होती हो कौन, लगा के बिंदी नाची ॥
सुन्दर.........
ReplyDeleteआभार !!
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बहुत बढ़िया रचना जनाब ...... आभार
ReplyDeleteख़ूब कहा!
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