बहुत खूब ! चुनाव तो लोकतंत्र का उत्सव है...जो गये हैं वे लौट कर भी आ सकते हैं..
बहुत सटीक व्यंग्य.
फिलहाल हल्दी और अदरख से काम चलाना पड़ेगा | बहुत खूब
इस संक्रामक खांसी से मफलर बचाएगा या भगवान?
बहुत खूब ! चुनाव तो लोकतंत्र का उत्सव है...जो गये हैं वे लौट कर भी आ सकते हैं..
ReplyDeleteबहुत सटीक व्यंग्य.
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ReplyDeleteइस संक्रामक खांसी से मफलर बचाएगा या भगवान?
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