Friday, 21 February 2014

ताकें दर्शक मूर्ख, हारते रविकर बाजी-

दखलंदाजी खेल में, करती खेल-खराब |
खले खिलाड़ी कोच को, लेकिन नहीं जवाब |

लेकिन नहीं जवाब, प्रशासक नेता हॉबी |
हॉबी सट्टेबाज, पूँछ कुत्तों की दाबी |

ताकें दर्शक मूर्ख, हारते रविकर बाजी |
बड़ी व्यस्त सरकार, करे क्यूँ दखलंदाजी --

5 comments:

  1. वाकई हम दर्शक ही मूर्ख हैं इस धंधे में ! मंगलकामनाएं आपको !!

    ReplyDelete
  2. बहुत सुन्दर प्रस्तुति...!
    --
    आपकी इस प्रविष्टि् की चर्चा कल रविवार (23-02-2014) को " विदा कितने सांसद होंगे असल में" (चर्चा मंच-1532) पर भी होगी!
    --
    सूचना देने का उद्देश्य है कि यदि किसी रचनाकार की प्रविष्टि का लिंक किसी स्थान पर लगाया जाये तो उसकी सूचना देना व्यवस्थापक का नैतिक कर्तव्य होता है।
    --
    हार्दिक शुभकामनाओं के साथ।
    सादर...!
    डॉ.रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक'

    ReplyDelete