अतिसुन्दर भाव नादानों और सिरफिरों को संदेस देती रचना फ़ौजी का सम्मान, करो रे मुल्ला-काजी |तुर्क-युवक नादान, बंद कर पत्थरबाजी ||
इन बहादुर जाँबाज सैनिकों पर देश को गर्व है।सार्थक कुण्डलियाँ।आभार।
बहुत सुन्दर
बहादुर फौजियों को सलाम...
बहुत सुन्दर सटीक सार्थक व्यंग्य .
उम्दा...बधाई.....
nice poem
अतिसुन्दर भाव नादानों और सिरफिरों को संदेस देती रचना
ReplyDeleteफ़ौजी का सम्मान, करो रे मुल्ला-काजी |
तुर्क-युवक नादान, बंद कर पत्थरबाजी ||
इन बहादुर जाँबाज सैनिकों पर देश को गर्व है।
ReplyDeleteसार्थक कुण्डलियाँ।
आभार।
बहुत सुन्दर
ReplyDeleteबहादुर फौजियों को सलाम...
ReplyDeleteबहुत सुन्दर सटीक सार्थक व्यंग्य .
ReplyDeleteउम्दा...बधाई.....
ReplyDeletenice poem
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