Wednesday, 21 January 2015

बनकर रहता ख़ास, धूर्त वह रविकर पूरा -

पूरा जब तक गाँठ का, पूरे तब तक ठाठ |
चंट गाँठ के मित्रता, रहे पढ़ाते पाठ |

रहे पढ़ाते पाठ, करे वह सदा दिखावा |
आया आपद-काल, फुर्र हो उसका दावा |

जब तक पाया लाभ, निभा सम्बन्ध अधूरा |
बनकर रहता ख़ास, धूर्त वह रविकर पूरा || 

3 comments:

  1. http://www.nvrthub.com great site

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  2. बहुत सुंदर.

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  3. जब तक पाया लाभ, निभा सम्बन्ध अधूरा |
    बनकर रहता ख़ास, धूर्त वह रविकर पूरा |

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