नाबालिग (18 वर्ष से कम) की सहमति से सेक्स अपराध था-
पर अब 2 वर्ष घटा दिए गए-
कामुकता को छूट मिल गई है दो वर्षों की-
वाह रे सख्त कानून
- नहीं ये भी एक साजिश है , बड़े बाप के बिगडैल बेटों के लिए - अगर वह इस उम्र में अपराध करता है दंड छोटों का मिलेगा उसे बालिग़ घोषित करने सहमति नहीं बन पाई लेकिन उसको दो साल तक कुछ भी करने का दे गया क्योंकि वह बालिग़ होगा नहीं और दंड भी नहीं मिलेगा . काम बड़ों जैसे और दंड बच्चों जैसा . अभी देश प्रगति पर है तो फिर अपराध के क्षेत्र में कुछ तो प्रगति होनी ही चाहिए . कुछ सुविधाएँ मिलनी चाहिए वह दी जा रही हैं .
नहीं ये भी एक साजिश है , बड़े बाप के बिगडैल बेटों के लिए - अगर वह इस उम्र में अपराध करता है दंड छोटों का मिलेगा उसे बालिग़ घोषित करने सहमति नहीं बन पाई लेकिन उसको दो साल तक कुछ भी करने का दे गया क्योंकि वह बालिग़ होगा नहीं और दंड भी नहीं मिलेगा . काम बड़ों जैसे और दंड बच्चों जैसा . अभी देश प्रगति पर है तो फिर अपराध के क्षेत्र में कुछ तो प्रगति होनी ही चाहिए . कुछ सुविधाएँ मिलनी चाहिए वह दी जा रही हैं .
ReplyDeleteबहुत सुन्दर और प्रेरक पोस्ट!
ReplyDeleteसाझा करने के लिए आभार!
उम्र घटानी थी बलात्कारियों की ताकि उन्हें सज़ा मिल सके लेकिन इन्होने तो उल्टा बलात्कार करने की ही उम्र घटा दी ताकि बलात्कारियों को सुविधा हो सके। सरकार वेश्यावृत्ति को बढ़ावा दे रही है।
ReplyDeleteयह बड़े बाप के आवारा बच्चों के लिए सब्सिडी है.
ReplyDeletelatest postउड़ान
teeno kist eksath"अहम् का गुलाम "
एक कुशल माली ,पूर्ण विकसित होने से पहले पेड़ में फलों को होने नहीं देता ,क्योंकि उसका विकास रुक जाता है.मनुष्य को तो शारीरिक और मानसिक दोनों प्रकार के विकास और परिपक्वता 'मानव 'बनने के लिए आवश्यक है.ऐसे असंयमी जीवन का आगे क्या
ReplyDeleteप्रभाव क्या होगा व्यक्ति और समाज दोनो पर? विकार उत्पन्न होने के बाद सँभालना वश में नहीं रह जाता.