छोड़े सज्जन शॉर्टकट, उधर भयंकर लूट |
पकड़ें लम्बा रूट, बड़ी सरकार निकम्मी |
देर भली अंधेर से, पकड़ें लम्बा रूट |
चुनो सुरक्षित मार्ग, सिखाते पापा मम्मी |
लिए नौ लखा हार, सुरक्षा घेरा तोड़े |
बाला लापरवाह, लुटा करके ही छोड़े ||
बाला लापरवाह, लुटा करके ही छोड़े ||
वहुत सही दिशा में इंगित करती हुई कुण्डलिया!
ReplyDeleteबहुत ही सार्थक संदेश देती कुण्डलिया.
ReplyDeleteबहुत सटीक कुण्डलिया
ReplyDeletelatest postमहाशिव रात्रि
latest postअहम् का गुलाम (भाग एक )
सुंदर कुंडलिया .....
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ReplyDeleteआपकी इस प्रविष्टी की चर्चा कल रविवार (10-03-2013) के चर्चा मंच 1179 पर भी होगी. सूचनार्थ
ReplyDeleteजिंदगी को आयाम देती चल रही है कुंडली सुंदर कुंडलिया
ReplyDeleteयह तो लगता है दिल्ली के ट्राफिक पुलिस का बच्चनिया सन्देश.
ReplyDeleteसुंदर प्रस्तुति.
महाशिवरात्रि की हार्दिक शुभकामनाएँ.
यह पंक्तियाँ दिल्ली पुलिस तो कह ही नहीं सकती-
Deleteवह कोई शुभ-चिन्तक ही होगा -
पकड़ें लम्बा रूट, बड़ी सरकार निकम्मी |
चुनो सुरक्षित मार्ग, सिखाते पापा मम्मी |
आभार आदरेया -
बहुत बढिया कुंडलियाँ ....
ReplyDeleteइस पर भी एक नजर .....आपका स्वागत है ....
http://shikhagupta83.blogspot.in/2013/03/blog-post_9.html