यारा हत्यारा चुनो, धूर्त लुटेरे दुष्ट |
टेरे माया को सदा, करें बैंक संपुष्ट |
करें बैंक संपुष्ट, बना देंगे भिखमंगा |
मर मर जीना व्यर्थ, विदेशी नाचे नंगा |
हत्यारा तो यार, ख़याल रख रहा हमारा |
वह मारे इक बार, रोज मत मरना यारा ||
टेरे माया को सदा, करें बैंक संपुष्ट |
करें बैंक संपुष्ट, बना देंगे भिखमंगा |
मर मर जीना व्यर्थ, विदेशी नाचे नंगा |
हत्यारा तो यार, ख़याल रख रहा हमारा |
वह मारे इक बार, रोज मत मरना यारा ||
उफ़ !
ReplyDeleteरास्ट्रीय पीड़ा और यथार्थ वेदना की निर्वस्त्र तस्बीर
ReplyDelete