प्रश्नों के उत्तर कठिन, नहीं आ रहे याद |
स्वार्थ-सिद्ध मद-मोह-सुख, भोगवाद-उन्माद |
भोगवाद-उन्माद , नशे में बहके बहके |
लेते रहते स्वाद, अनैतिक चीजें गहके |
नीति-नियम-आदर्श, हवा के ताजे झोंके |
चौथेपन में आज, लिखूँ उत्तर प्रश्नों के ||
आपकी इस प्रविष्टि् के लिंक की चर्चा कल गुरूवार (21-07-2016) को "खिलता सुमन गुलाब" (चर्चा अंक-2410) पर भी होगी।
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हार्दिक शुभकामनाओं के साथ
सादर...!
डॉ.रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक'