असम में हिंदीभाषी हुए हमले के शिकार जागरण - ६ घंटे पहले
चिंदी-चिंदी तन-बदन, पांच मरे इक साथ ।
*बोड़ा निगले जिंदगी, हिंदी हुई अनाथ ॥
*अजगर
हिंदी हुई अनाथ, असम-पथ ऊबड़-खाबड़ ।
है सत्ता कमजोर, धूर्त आतंकी धाकड़ ।
हिंदी-भाषी पाय, बना माथे पर बिंदी ।
अपने रहे निकाल, यहाँ हिंदी की चिंदी ।।
बहुत सुन्दर
ReplyDeleteमार्मिक
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