Wednesday, 8 January 2014

पड़े शीत की मार, आप ही मालिक मेरे-


रैन बसेरे में बसे, मिले नहीं पर आप |
आम मिला इमली मिली, रहे अभी तक काँप |

रहे अभी तक काँप, रात थी बड़ी भयानक |
होते वायदे झूठ, गलत लिख गया कथानक |

पड़े शीत की मार, आप ही मालिक मेरे  |
तनिक दीजिये ध्यान, सुधारें रैन बसेरे ||

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