Monday 13 January 2014

रविकर ले हित-साध, आप मत डर खतरे से-

खतरे से खिलवाड़ पर, कारण दिखे अनेक |
थूक थूक कर चाटना, घुटने देना टेक |

घुटने देना टेक, अगर हो जाए हमला |
होवे आप शहीद, जुबाँ पर जालिम जुमला |

भाजप का अपराध, उसी पर कालिख लेसे |
रविकर ले हित-साध, आप मत डर खतरे से ||

3 comments:

  1. बहुत ही सुन्दर प्रस्तुति,लोहड़ी कि हार्दिक शुभकामनाएँ।

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  2. बहुत सुन्दर !
    लेटेस्ट पोस्ट कुछ मुक्तक !

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  3. बहुत ही खूब
    कैसे गया होगा
    पता नहीं चला
    उलूक से छूट :)

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