B J P : पान का बीड़ा
रखी रकाबी में रकम, पनबट्टी के साथ |
दिग्गी जस जो दोगला, वही लगावे हाथ || रखी रकाबी में रकम, पनबट्टी के साथ |
राहुल की राह-गुल --
कई देश में रात दिन, होते बम-विस्फोट |
एक बार की चोट से, देगा क्यूँ न वोट ||
पृथ्वी बोले
एक बार की चोट से, देगा क्यूँ न वोट ||
पृथ्वी बोले
पृथ्वी बोले मै नहीं, गोरी का ही दोष |
मोनी-सोनी घूमते, करे व्यक्त अफ़सोस ||
चिदंबरम उवाच !मोनी-सोनी घूमते, करे व्यक्त अफ़सोस ||
इकतिस महिना न हुआ, माँ मुम्बा विस्फोट |
तीन फटे तेइस मरे, व्यर्थ निकाले खोट ||
जनता पूछे--
जनता पूछे देश में, कितने महिने और |
गृह-मंत्री जी बोलिए, मिलिहै हमका ठौर ||
गृह-मंत्री जी बोलिए, मिलिहै हमका ठौर ||
रविकर जी देश की वर्तमान दुर्दशा और दुर्मुखों के कहे ,किए पर सटीक टिपण्णी हैं ये दोहे .मुबारक .
ReplyDeleteजय हो।
ReplyDeleteअब बात हुई कुछ!
ReplyDeleteतीखे प्रहार ,सुन्दर शब्द चयन ,कथ्य सामयिक, प्रभावशाली अभिव्यक्ति ,मूबारक हो ../
ReplyDeleteकुछ दोहों में निपट गयी यूपीए सरकार।
ReplyDeleteसाधुवाद के पात्र हैं आप करें स्वीकार ॥
बहुत सटीक और सशक्त टिप्पणी...बहुत सुन्दर और प्रभावी प्रस्तुति..
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