हर-हर बम-बम, बम-बम धम-धम |
तड-पत हम-हम, हर पल नम-नम ||
अक्सर गम-गम, थम-थम, अब थम |
शठ-शम शठ-शम, व्यर्थम - व्यर्थम ||
दम-ख़म, बम-बम, चट-पट हट तम | तन तन हर-दम *समदन सम-सम || *युद्ध
*करवर पर हम, समरथ सक्षम |
अनरथ कर कम, झट-पट भर दम || *विपत्ति भकभक जल यम, मरदन मरहम |
हर-हर बम-बम, हर-हर बम-बम ||
कमाल की प्रस्तुति..
ReplyDeleteसंवाद-नाद-अनुनाद,
ReplyDeleteस्वर-रुदन-विषाद।
गहन अभिव्यक्ति ...
ReplyDeleteमर हम मरियम .सियासत जो कारा दे सो कम .गहन भावानुभूति की रचा ,नाद सौन्दर्य ,शब्द -पटुता ,अर्थ पटुता ...
ReplyDeleteअति सुन्दर अभिव्यक्ति, मन और मस्तिस्क
ReplyDeleteदोनों को सराबोर कर गई - ये रचना. साधुवाद.
आनन्द विश्वास.
अहा,
ReplyDeleteअजब/ग़ज़ब.
कमाल कर दिया इस रचना में तो आपने ... गज़ब ...
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