Friday, 15 July 2011

कल बापू ने कहा था--

जन-साधारण की करो, सेवा  ये सन्देश ,
नर ही तो नारायना,  धर कर आते वेश |

धर कर आते वेश, सफाई घर की रखना,
रोग रहेंगे दूर,    मजे  जीवन  के चखना |

मंदिर को भी साफ,  रखो  ऐ  मेरे  भाई
प्रभु को लागै नीक,  हमेशा खूब  सफाई ||

4 comments:

  1. बापू की बातें सर माथे।

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  2. बहुत सुंदर सीख देती रचना।

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  3. जन-साधारण होते हैं असाधारण!

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  4. गांधीजी के सफाई प्रेम को दोहावली में रखा है आपने .हमारे यहाँ तो सच मुच मंदिरों का रख रखाव सवालिया है न.

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