Saturday, 16 July 2011

कह विलास जी राव, वेंगसरकर क्या खाकर,

भड़ास   पर

बड़-पावर  है  शरद  का, कहाँ खिलाड़ी जोर
सबसे बड़ ये विश्व का, कृषक,खिलाड़ी, चोर |

कृषक,खिलाड़ी चोर, बोर्ड  का लेखा-जोखा,
करता  चोखा काम,  कहीं  न  होवे  धोखा  |

कह विलास जी राव, वेंगसरकर क्या खाकर,
करे मुकाबला मोर, विकेट अपना उडवाकर |

4 comments:

  1. क्या खाकर जीतेंगे।

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  2. फिर माफी चाहता हूँ। लेकिन पहले दोहे में चौदह मात्राएँ हैं और लय बिगड़ रहा है। गाने में गड़बड़।

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  3. अच्छा व्यंग्य कुंडलिया के माध्यम से। आभार।

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  4. "भाव को देख मात्रा न गिन ,ज़िन्दगी जी केलोरीज़ मत गिन ."
    बेहतरीन कटाक्ष राजनीति के गैंडे पर ,दुर्मुख पर .

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