Friday 8 February 2013

सदन दहलता ख़ास, किंग को दहला पंजा-




 सत्तावन "जो-कर" रहे,  जोड़ा बावन ताश ।
चौका (4)  दे जन-पथ महल, अट्ठा(8)-"पट्ठा" पास । 


*सिंह इज किंग  

अट्ठा(8)-"पट्ठा" पास, किंग(K) पंजा(5) से  दहला(10)
रानी(Q)नहला(9)जैक(J),  देख 
छक्का(6) मन बहला ।    

*ताजपोशी के लिए नहलाना 

-दुक्की(2) तिग्गी(3)ट्रम्प , हिला ना *पाया-पत्ता ।
खड़ा ताश का महल, चढ़े इक्के(A) पे सत्ता (7)।।
*खम्भा 


File:Bicycle-playing-cards.jpg 
Playing cards - seven — Stock Vector #6675212


लोक-तंत्र

*सराजाम सारा जमा, रही सुरसुरा ^सारि |
सुधा-सुरा चौसर जमा, जाम सुरासुर डारि |

जाम सुरासुर डारि, खेलते दे दे गारी |
पौ-बारह चिल्लाय, जीत के बारी बारी |

जो सत्ता हथियाय, सुधा पी देखे मुजरा  |
 जन-गण जाये हार, दूसरा मद में पसरा ।।
*सामग्री  ^चौपड़ की गोटी

7 comments:

  1. बहुत सुन्दर और सटीक," पंजे पर पंजा रहे,कसे सिकंजा
    जोर, ढपली रानी बजा रही ,राजा भकुआ चोर,करे नित
    सीना जोरी........सत्ता मद में चूर ,नहीं इन पर जन भरी,
    रोज बैठ कर पीठ हमारे ,नित करे सवारी .....

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  2. वाह ! गहरा व्यंग्य..

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  3. वाह..!
    चित्र और कुण्डलियाँ दोनो बढ़िया हैं!

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  4. आपकी इस उत्कृष्ट प्रविष्टि की चर्चा कल रविवार 10-फरवरी-13 को चर्चा मंच पर की जायेगी आपका वहां हार्दिक स्वागत है.

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  5. प्रभावी व्यंग्य

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  6. वाह वाह बहुत खूब ,बधाई आपको

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