कल रांची प्रवास पर था-
मसले सुलझाने चला, आतंकी घुसपैठ ।
खटमल स्लीपर सेल सम, रेकी रेका ऐंठ ।
रेकी रेका ऐंठ, मुहैया असल असलहा ।
विकट सीरियल ब्लास्ट, लाश पर लगे कहकहा ।
सत्ता है असहाय, बढ़ें नित बर्बर नस्लें ।
मसले होते हिंस्र, जाय ना खटमल मसले ।
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सही कहा है आपने !!
ReplyDeleteहा हा !
ReplyDeleteअब पिस्सू से कैसे जायें खटमल मसले?
बहुत खूब!
ReplyDeleteआज बस एक ही...!
सटीक
ReplyDeleteबहुत ही सटीक प्रस्तुतीकरण.राजस्थान से रांची अभी लम्बी यात्रायें कर रहे है गुरुवर.
ReplyDeleteबहुत उम्दा और सटीक प्रस्तुतीकरण गुरुवर | आभार
ReplyDeleteसटीक,आक्रामक और दमदार
ReplyDeleteसरकारी नियत और हमलोग |
ReplyDeleteबहुत खूब और दमदार
ReplyDeleteबहुत असरदार और गहरी बातें आप बड़े मजे मजे में लिख देते हैं.
ReplyDeleteसादर,
नीरज'नीर'