Thursday, 15 September 2011

सी एम् पद की दाल, गले न संघ नाव पर

 





संघ-नाव पर बैठकर, मोदी और बघेल |
सालों शाखा में गए,  खेले  संघी खेल |

खेले संघी खेल,  'कुरसिया'  लगे खेलने |
कांगरेस - पापड़ा , बघेला  बड़े  बेलने |

करत नजर-अंदाज, 'माम'  नाराज दाँव-पर |
सी एम्  पद की दाल, गले न संघ नाव पर ||

5 comments:

  1. वाह गुप्ताजी ये सी.एम् पोस्ट भी गजब होती है ! दिग्गी पि.एम्.की स्तुति में माँ वंदना में लगे है ! भला ख्वयिस कैसे पूरी हो !

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  2. सटीक बात ... अब तो उपवास उपवास खेल हो रहा है ..

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  3. ठीक ठाक पर मजेदार नहीं। शायद विषय ही ऐसा था।

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  4. राजनीति की घातें और प्रतिघातें।

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  5. रविकर जी ,हमारे आज के सन्दर्भ का अनुपम व्यंग्य .

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