Friday, 22 June 2012

'डंडाधारी' दंड से, करना चाहे मूक-

कुत्ते असली नस्ल के, लड़ें परस्पर भूंक ।
'डंडाधारी' दंड से, करना चाहे मूक ।

करना चाहे मूक, रुके कुत्ते जो सारे ।
करते बुरा सुलूक, हाफ़-निक्कर भी फारे ।

इक हफ्ते के बाद, उगे दो कुक्कुर-मुत्ते ।
मिल-जुल लेते बाँट, वाह रे असली कुत्ते ।।


5 comments:

  1. फोड़ दिया
    बहुत सुन्दर

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  2. कहे कवि ,रविकर ,तेरी बात निराली
    सूखे पेड़ को छुए ,खिलें फूलों की डाली....

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  3. मिल-जुल लेते बाँट, वाह रे असली कुत्ते
    perfect description

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