मौत से जो सौत सी वे डाह करते | जान कर वे जान की परवाह करते | सत्य-शाश्वत मृत्यु को रविकर समझ- हर घडी हर सांस में ना आह भरते ।। क्या खूब लिखा है आपने मौत से जो सौत सी वे डाह करते .. . अच्छी प्रस्तुति .कृपया यहाँ भी पधारें -
बुधवार, 20 जून 2012 क्या गड़बड़ है साहब चीनी में क्या गड़बड़ है साहब चीनी में http://veerubhai1947.blogspot.in/
sahi bat kahi aape ravikar jee jine ke liye maut se dosti jaruri hai ...isse kya darna...
ReplyDeleteवाह..
ReplyDeleteवाह...क्या कहने।
ReplyDeleteमाँ सरस्वती का वरद हस्त आपके सिर पर सदा बना रहे!
मौत से जो सौत सी वे डाह करते |
ReplyDeleteजान कर वे जान की परवाह करते |
सत्य-शाश्वत मृत्यु को रविकर समझ-
हर घडी हर सांस में ना आह भरते ।।
क्या खूब लिखा है आपने मौत से जो सौत सी वे डाह करते .. . अच्छी प्रस्तुति .कृपया यहाँ भी पधारें -
बुधवार, 20 जून 2012
क्या गड़बड़ है साहब चीनी में
क्या गड़बड़ है साहब चीनी में
http://veerubhai1947.blogspot.in/
Gajab ka likha hai sir ji.
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