Friday, 9 March 2012

मस्त गए दिन चार, चुनावी चर्चा होली

खाम-खुमारी कान धर, धर नीचे हथियार । 
उतर उड़नछू भाग अब, मस्त गए दिन चार ।

मस्त गए दिन चार, चुनावी चर्चा होली ।
छह छह पैग उतार, भाँग की खा खा गोली।

घर भर सब तैयार, करें तैयारी भारी  ।
भूला पिछली मार, यादकर खाम-खुमारी ।। 

5 comments:

  1. बेहतरीन रचना...

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  2. बहुत खूब................

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  3. सकरात्मक अभिव्यक्ति का प्रवाह सतत गतिमान है भाव पूर्ण प्रयास प्रशंशनीय है ....... शुभकामनायें जी /

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  4. होली में सब सुख दुख समा गये।

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