मंदी के इस दौर में, सेक्स कोर्स प्रारंभ ।
वेलेंसिया स्पेन में, पागल मानव दंभ ।
पागल मानव दंभ, होय एड्मिसन लागे ।
वेश्यावृत्ति सीख, भाग्य निज छलें अभागे ।
माता-पुत्र दलाल, पिता पुत्री छल-छंदी ।
निकृष्ट भौतिक सोच, दूर ऐसे हो मंदी ।।
बहुत सुन्दर प्रस्तुति!
ReplyDelete--
आपकी इस प्रविष्टी की चर्चा कल रविवार के चर्चा मंच पर भी होगी!
सूचनार्थ!
ऐयाशी तेरे रूप अनेक ,सेक्स एक और कोर्स अनेक ।li.बधाई स्वीकार करें .कृपया यहाँ भी पधारें -
ReplyDeleteशनिवार, 12 मई 2012
क्यों और कैसे हो जाता है कोई ट्रांस -जेंडर ?
क्यों और कैसे हो जाता है कोई ट्रांस -जेंडर ?
http://veerubhai1947.blogspot.in/
Maa baap se puchho to wo esa n karne denge.
ReplyDeleteमंदी के इस दौर की, बड़ी पेन फुल न्यूज
ReplyDeleteक्या हो इस पर टिप्पणी,सोच हुई है फ्यूज
महंगाई से त्रस्त जन, करते हैं तदबीज |
ReplyDeleteगुणवत्ता उत्कृष्ट हो, मंदी सस्ती चीज |
मंदी सस्ती चीज, त्रस्त होता निर्माता |
खाता खुद उत्पाद, दिखाए घाटा खाता |
रविकर शाश्वत सोच, सनातन है सच भाई |
करो हमेशा बचत, तभी निबटे मंहगाई ||
गंदा है पर धंधा है।
ReplyDeleteकरना है तो सीख कर, ग्राहकों की संतुष्टी का ध्यान रखकर, किया जाय तो यह उनके व्यापार के गला काट प्रतियोगिता का परिणाम होगा।
आप काहे असहज हो रहे हैं! सुना है, अपने यहां पुनर्वास योजना के अंतर्गत सेक्स वर्कर को ब्यूटी पार्लर का काम सिखाया जा रहा है। इस बारे में आपका क्या खयाल है? मुझे तो सही लग रहा है। इससे वे सम्मान जनक जीवन जी पायेंगी।
जी बिलकुल-
Deleteवैसे स्पेन वाले जो कर रहे हैं उससे अधिक सोच भी नहीं सकते-
दरअसल जरूरतें असीम हैं उनकी -
हमारे यहाँ अभी भी माड़-भात खाकर
आधी आबादी गुजर बसर कर रही है ||
सब कुछ होता है इस दुनिया में ।
ReplyDeleteसुंदर वर्णन !!
बहुत खूब
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