बहुत ही उम्दा प्रस्तुति छल छद्म ही का बोलबाला है सर जी
आप की ये सुंदर रचना आने वाले सौमवार यानी 28/10/2013 को नयी पुरानी हलचल पर लिंक की जा रही है... आप भी इस हलचल में सादर आमंत्रित है...सूचनार्थ।
इस आग को कोई बुझाना नहीं चाहता अगली मई तक ...
बहुत खुबसूरत रचना अभिवयक्ति......
बहुत ही उम्दा प्रस्तुति छल छद्म ही का बोलबाला है सर जी
ReplyDeleteआप की ये सुंदर रचना आने वाले सौमवार यानी 28/10/2013 को नयी पुरानी हलचल पर लिंक की जा रही है... आप भी इस हलचल में सादर आमंत्रित है...
ReplyDeleteसूचनार्थ।
इस आग को कोई बुझाना नहीं चाहता अगली मई तक ...
ReplyDeleteबहुत खुबसूरत रचना अभिवयक्ति......
ReplyDelete