सच में बहुत खूब !
सदाचार है शेष, अन्यथा गिरते औन्धे |वह सोलह की रात, आज भी अक्सर कौंधे ||BILKUL SAHI KAHA AAPNE
सुंदर भाव
सच में बहुत खूब !
ReplyDeleteसदाचार है शेष, अन्यथा गिरते औन्धे |
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BILKUL SAHI KAHA AAPNE
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